Foreign Affairs की एक ताजा report ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान अपनी nuclear ताकत को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की कोशिश में है। US intelligence सूत्रों के हवाले से पता चला है कि पाकिस्तानी सेना एक ऐसी intercontinental ballistic missile (ICBM) विकसित कर रही है, जो continental United States तक मार कर सकती है। इस खुलासे ने Washington में हड़कंप मचा दिया है, क्योंकि report चेतावनी देती है कि अगर पाकिस्तान ICBM हासिल कर लेता है, तो अमेरिका को उसे “nuclear adversary” मानने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। यह खबर US-Pakistan relations में नया तनाव ला रही है, जो 2021 में Afghanistan से US withdrawal के बाद पहले ही खराब हो चुके हैं।
Vipin Narang और Pranay Vaddi द्वारा लिखी गई इस report के मुताबिक, पाकिस्तान एक ऐसी ICBM बना रहा है, जो 5,500 किमी से अधिक दूरी तक, यानी लगभग 12,000 किमी दूर अमेरिकी mainland को target कर सकती है। हालांकि पाकिस्तान लंबे समय से दावा करता रहा है कि उसका nuclear program सिर्फ भारत को deterrence देने के लिए है, लेकिन ICBM का विकास उसके strategic ambitions को और व्यापक दर्शाता है।
Report में अनुमान लगाया गया है कि पाकिस्तान दो संभावित scenarios से बचने के लिए यह कदम उठा रहा है: पहला, अमेरिका द्वारा उसकी nuclear arsenal को नष्ट करने के लिए preventive attack, और दूसरा, भविष्य में भारत-पाकिस्तान conflict में US का भारत के पक्ष में intervention। पाकिस्तान का मौजूदा सबसे लंबी दूरी का missile, Shaheen-III, 2,750 किमी तक मार कर सकता है, जो भारत और Middle East के कुछ हिस्सों को cover करता है, लेकिन अमेरिका तक पहुंचने में नाकाम है। ICBM के लिए पाकिस्तान को larger rocket motors और multiple independently targetable reentry vehicles (MIRVs) जैसी advanced technologies चाहिए, जिन्हें वह China और Belarus से मदद लेकर विकसित कर रहा है। US officials का अनुमान है कि पाकिस्तान को यह capability हासिल करने में “कई साल से एक दशक” लग सकता है।
Foreign Affairs की report में चेतावनी दी गई है कि ICBM रखने वाले देश—रूस, चीन और उत्तर कोरिया—अमेरिका के मित्र नहीं हैं। अगर पाकिस्तान इस list में शामिल हो जाता है, तो US foreign policy पर गहरा असर पड़ेगा। अमेरिका ने पहले ही कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। 19 दिसंबर, 2024 को वाशिंगटन ने पाकिस्तान की चार entities, जिसमें state-run National Development Complex (NDC) शामिल है, पर sanctions लगा दीं, जो long-range ballistic missiles विकसित करने में शामिल थीं। ये sanctions, जो एक साल में तीसरी बार लगाई गई हैं, China और Belarus की उन firms को भी target करती हैं, जो missile-related equipment सप्लाई कर रही थीं। Deputy National Security Adviser Jon Finer ने Carnegie Endowment for International Peace में कहा कि पाकिस्तान का missile development एक “emerging threat” है, और उसका “sophisticated missile technology” की खोज उसके intentions पर “serious questions” उठाती है।
क्या पाकिस्तान का यह कदम global nuclear threats को और जटिल कर देगा? या अमेरिका की सख्ती इसे रोक पाएगी? विश्व की निगाहें अब इस पर टिकी हैं।
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