ओला इलेक्ट्रिक(OLA Electric), के शेयरों में आज भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसने निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी। सोमवार को BSE पर कंपनी का शेयर 6.34% गिरकर रिकॉर्ड निचले स्तर ₹43.16 पर पहुंच गया, जो इसके ₹76 IPO मूल्य से काफी नीचे है। यह गिरावट 44 लाख शेयरों (0.8% इक्विटी) के ब्लॉक डील के बाद आई, जिसकी कीमत ₹44.1 प्रति शेयर थी, कुल ₹107 करोड़।

हाल ही में हुंडई और किआ ने ₹690 करोड़ के ब्लॉक डील में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी, जिसमें सिटीग्रुप प्रमुख खरीदार रहा। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज़ ने स्टॉक को “सेल” रेटिंग दी, लक्ष्य मूल्य ₹30 रखा, और FY26-27 के लिए वॉल्यूम अनुमान 32-34% घटा दिए। विश्लेषकों ने मोटरसाइकिल लॉन्च में देरी और कमज़ोर मांग को गिरावट का प्रमुख कारण बताया।
ओला इलेक्ट्रिक(OLA Electric) ने Q4 FY25 में ₹870 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया, जो पिछले साल के ₹416 करोड़ से दोगुना है। राजस्व 61.8% गिरकर ₹611 करोड़ रहा, जबकि डिलीवरी 51,375 यूनिट्स तक आधी हो गई। पूरे FY25 में, कंपनी ने 3,59,221 यूनिट्स डिलीवर कीं, जो FY24 के 3,29,549 यूनिट्स से 9% अधिक है, लेकिन राजस्व 9% गिरकर ₹4,645 करोड़ रहा। कंपनी ने लागत में कटौती और ऑटो सेगमेंट में 25,000 यूनिट्स प्रति माह के ब्रेक-ईवन लक्ष्य की घोषणा की है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह लक्ष्य चुनौतीपूर्ण है।
ओला इलेक्ट्रिक, जो कभी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट में 50% से अधिक हिस्सेदारी रखती थी, मई 2025 में 18% हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर खिसक गई। TVS मोटर (24%) और बजाज ऑटो (22%) ने बाजार में बढ़त बनाई। मई में ओला की बिक्री 51% गिरकर 18,499 यूनिट्स रही। ग्राहक सेवा, मरम्मत से संबंधित शिकायतें, और सरकारी सब्सिडी पर अनिश्चितता ने कंपनी की चुनौतियों को बढ़ाया है।
हालांकि, CEO भाविश अग्रवाल ने FY26 में लाभप्रदता और बैटरी सेल उत्पादन के लिए गीगाफैक्ट्री स्केलिंग की योजना पर जोर दिया है। X पर कुछ यूजर्स कंपनी के “मेक इन इंडिया” दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं, जबकि अन्य इसकी वित्तीय स्थिति पर सवाल उठाते हैं।