24 जून 2025 को, अहमदाबाद की ग्रिडबॉट्स टेक्नोलॉजीज ने नॉर्दर्न कमांड के तहत गलवान घाटी के कठिन 15,000 फीट क्षेत्र में AI संचालित KATANA हथियार प्रणाली का सफल परीक्षण किया। 400 मीटर पर 30 सेमी सटीकता हासिल कर, यह भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक में क्रांति और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों में आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
भारत के रक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करते हुए, अहमदाबाद की ग्रिडबॉट्स टेक्नोलॉजीज ने गलवान घाटी के दुर्गम इलाके में अपनी नवोन्मेषी स्वायत्त हथियार प्रणाली KATANA के ट्रायल्स को भारतीय सेना के नॉर्दर्न कमांड की निगरानी में सफलतापूर्वक पूरा किया। 15,000 फीट की ऊंचाई और -20°C के कठोर तापमान में आयोजित यह परीक्षण, सिस्टम की असाधारण दक्षता और लचीलापन दर्शाता है, जो इसे वैश्विक रक्षा क्षेत्र में एक अनूठा हथियार बनाता है।
KATANA, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से संचालित एक क्रांतिकारी रक्षा तकनीक है, वास्तविक समय में कई वीडियो स्ट्रीम्स—विजुअल, लॉन्ग-वेव इन्फ्रारेड (LWIR), मिड-वेव इन्फ्रारेड (MWIR), शॉर्ट-वेव इन्फ्रारेड (SWIR), और रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF)—को एकीकृत करता है। इसकी सटीकता का प्रमाण तब मिला जब 400 मीटर की दूरी पर लक्ष्य को मात्र 30 सेमी के स्कैटर के साथ भेदा गया, साथ ही ड्रोन का पता लगाने और निष्क्रिय करने की क्षमता ने इसे युद्ध के नए युग का हथियार साबित किया। आधुनिक ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPUs) द्वारा संचालित यह सिस्टम, जटिल डेटा को तुरंत संसाधित कर युद्धक्षेत्र में निर्णय लेने की गति को बढ़ाता है।
गलवान घाटी, जो 2020 के भारत-चीन टकराव का गवाह रही, इस ट्रायल के लिए चुनी गई, जो KATANA की कठिन परिस्थितियों में प्रभावशाली प्रदर्शन को रेखांकित करता है। नो-कॉस्ट नो-कमिटमेंट (NCNC) मूल्यांकन के तहत आयोजित इस परीक्षण ने सिस्टम की ऊंचाई और ठंड में विश्वसनीयता साबित की, जहां पारंपरिक हथियार अक्सर विफल होते हैं। यह उपलब्धि ग्रिडबॉट्स की 2007 में टेड फेलो और MIT यंग इनोवेटर पुलकित गौर द्वारा स्थापित विशेषज्ञता को दर्शाती है, जो नाभिकीय, अंतरिक्ष, और औद्योगिक रोबोटिक्स में अग्रणी रही है।
KATANA ग्रिडबॉट्स के स्वदेशी नवाचार का प्रतीक है, जो HAWK और BRUTE जैसे अन्य रक्षा सिस्टम्स के साथ महाराष्ट्र MSME डिफेंस एक्सपो में भी चर्चा में रहा। ऑटोमोबाइल से लेकर ऊर्जा तक, इसकी तकनीक विभिन्न क्षेत्रों में सफल रही है, और अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार की योजना है। यह सिस्टम ड्रोन खतरे से निपटने और बहु-वर्णक्रमीय इमेजिंग के जरिए युद्धक्षेत्र में नई संभावनाएं खोलता है, जो भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करता है।
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