भारतीय वायुसेना (IAF) ने दक्षिणी क्षेत्र में अपनी एयर डिफेंस ताकत को और मजबूत करने के लिए केरल के कोझिकोड में बेपोर के पास चालियाम में एक एडवांस्ड रडार सिस्टम स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह रडार सिस्टम इनकमिंग मिसाइल्स, ड्रोन्स, क्रूज मिसाइल्स और बलिस्टिक मिसाइल्स जैसे विभिन्न एरियल थ्रेट्स को डिटेक्ट करने में सक्षम होगा, जिससे अरब सागर और दक्षिणी एयरस्पेस पर IAF को एक्सटेंडेड सर्विलांस और अर्ली वॉर्निंग कैपेबिलिटीज मिलेंगी।
IAF to Set Up New Radar in Kerala:
यह कदम इंडियन ओशन रीजन (IOR) में चीन की बढ़ती दखलंदाजी के मद्देनजर खासा महत्व रखता है। खासकर श्रीलंका में, जहां बीजिंग ने Hambantota Port का लॉन्ग-टर्म लीज हासिल किया है और अब वहां पास में एक एयरबेस स्थापित करने की संभावनाएं तलाश रहा है। इन गतिविधियों ने नई दिल्ली में चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि चीन की ड्यूल-यूज मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर भारत के लिए खतरा बन सकती है। इसके जवाब में भारत अपने दक्षिणी प्रायद्वीप में डिफेंसिव फुटप्रिंट को रीकैलिब्रेट कर रहा है।
कोझिकोड में रडार सिस्टम की स्थापना भारत के लेयर्ड एयर डिफेंस नेटवर्क को मजबूत करने और स्ट्रैटेजिक कोस्टल जोन्स में 360-डिग्री रडार कवरेज प्रदान करने की बड़ी रणनीति का हिस्सा है। यह सिस्टम ऑपरेशनल होने के बाद भारत की होस्टाइल एयरक्राफ्ट्स, ड्रोन्स और मिसाइल्स को लॉन्ग रेंज पर ट्रैक करने की कैपेबिलिटी को बढ़ाएगा, जिससे थ्रेट असेसमेंट और रिस्पॉन्स कोऑर्डिनेशन तेज होगा।
दक्षिण भारत, जो पारंपरिक लैंड-बेस्ड थ्रेट्स से अपेक्षाकृत सुरक्षित रहा है, अब इंडियन ओशन की बढ़ती स्ट्रैटेजिक इंपॉर्टेंस की वजह से क्रिटिकल रीजन बन रहा है। नेवल और एयर असेट्स पहले से ही इस क्षेत्र में तैनात हैं, और अब एडवांस्ड रडार सिस्टम्स की डिप्लॉयमेंट प्री-इम्प्टिव सिचुएशनल अवेयरनेस और डिटरेंस की दिशा में एक बड़ा कदम है, खासकर उन एडवर्सरीज के खिलाफ जो भारत के मैरीटाइम बॉर्डर्स के पास पावर प्रोजेक्ट कर रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंडियन ओशन में चीन के बढ़ते मैरीटाइम और मिलिट्री इंटरेस्ट्स, जैसे PLAN (People’s Liberation Army Navy) शिप्स, ड्यूल-यूज सर्विलांस वेसल्स और Gwadar (पाकिस्तान) व Hambantota (श्रीलंका) जैसे पोर्ट्स में इकनॉमिक इनवेस्टमेंट्स, को भारतीय सिक्योरिटी एजेंसीज बारीकी से मॉनिटर कर रही हैं। केरल में हाई-परफॉर्मेंस रडार की स्थापना न केवल दक्षिणी सीबोर्ड की कवरेज देगी, बल्कि नेवल और ग्राउंड फोर्सेस के साथ इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस कमांड एंड कंट्रोल ऑपरेशंस को भी सपोर्ट करेगी।
इंडो-पैसिफिक में बढ़ते जियोपॉलिटिकल टेंशन्स और चीन के पश्चिम की ओर बढ़ते फुटप्रिंट के बीच, भारत का एयर और मैरीटाइम सिचुएशनल अवेयरनेस पर जोर एक व्यापक एंटी-एक्सेस/एरिया डिनायल (A2/AD) शील्ड बनाने की दिशा में डोctrinal शिफ्ट को दर्शाता है, जो नेशनल इंटरेस्ट्स को सेफगार्ड करेगा।
कोझिकोड रडार इंस्टॉलेशन एक नेटवर्क्ड रडार ग्रिड का हिस्सा होगा, जो दक्षिणी और पूर्वी सीबोर्ड पर कई नोड्स को लिंक करेगा। यह Integrated Air Command and Control System (IACCS) से जुड़ेगा, जो भारत के रियल-टाइम एयर डिफेंस ऑपरेशंस की बैकबोन है।
Related Article: