India plans to extend its two-tiered BMD shield (Ballistic Missile Defence Shield) to southern cities like Bangalore, Chennai, and Hyderabad, countering Pakistan’s HATF-1 and Fatah-2 threats. The move strengthens defense amid regional tensions, with DRDO advancing Phase-II interceptors.
भारत अपनी रणनीतिक रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए अपने स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा (BMD Shield) ढाल का विस्तार दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों तक करने जा रहा है। यह कदम तब उठाया गया है जब चरण-1, जो दिल्ली और मुंबई की सुरक्षा के लिए डिज़ाइन किया गया है, पूरी तरह कार्यरत होने के करीब है, और पाकिस्तान के उन्नत रॉकेट प्रणालियों से उत्पन्न खतरे बढ़ रहे हैं।
डीआरडीओ द्वारा विकसित यह बहु-स्तरीय नेटवर्क दुश्मन मिसाइलों को रोकने और नष्ट करने के लिए है। चरण-1 में दो-स्तरीय दृष्टिकोण अपनाया गया है—प्रथ्वी एयर डिफेंस (PAD) और प्रथ्वी डिफेंस व्हीकल (PDV) उच्च ऊंचाई (80 किमी तक) पर एक्सो-वायुमंडलीय अवरोधन के लिए, और एडवांस्ड एयर डिफेंस (AAD) या अश्विन निचली ऊंचाई (30 किमी तक) पर एंडो-वायुमंडलीय अवरोधन के लिए।
प्रारंभिक तैनाती एनसीआर और मुंबई को शाहीन श्रृंखला से संभावित खतरों से बचाने के लिए की गई थी। अब इस ढाल का विस्तार बेंगलुरु, चेन्नई, और हैदराबाद जैसे दक्षिणी शहरों तक होगा, जो रणनीतिक और आर्थिक महत्व के बढ़ते केंद्र हैं। विशेष रूप से हैदराबाद, जो डीआरडीओ, HAL, और BEL जैसे प्रमुख रक्षा केंद्रों का घर है, के लिए यह विस्तार महत्वपूर्ण है।
केंद्रित तैनाती के लिए एकल बीएमडी साइट की योजना बनाई जा रही है, जो बेंगलुरु, चेन्नई, और हैदराबाद को एक साथ कवर करेगी। यह मॉडल संसाधनों का अनुकूलन और कमांड संरचना को सरल बनाएगा।
यह विस्तार पाकिस्तान के हाल ही में परीक्षण किए गए 400 किमी रेंज वाले Fatah-II रॉकेट सिस्टम जैसे खतरों से निपटने की रणनीति का हिस्सा है। चरण-2 में IRBMs और ICBMs को निष्प्रभावी करने वाले इंटरसेप्टर विकसित किए जा रहे हैं, जिसमें AD-1 और AD-2 मिसाइलों के सफल परीक्षण शामिल हैं, जो भारत की मिसाइल रक्षा को और मजबूत करेंगे।
What is Two-Tiered BMD Shield?
दो-स्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल(Two-Tiered BMD Shield) रक्षा ढाल एक उन्नत प्रणाली है जो दुश्मन मिसाइलों को नष्ट करने के लिए दो स्तरों पर काम करती है। पहला स्तर, प्रथ्वी एयर डिफेंस (PAD) और प्रथ्वी डिफेंस व्हीकल (PDV), पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर (80 किमी तक) हमले रोकता है, जबकि दूसरा स्तर, अश्विन (AAD), निचली ऊंचाई (30 किमी तक) पर मिसाइलों को निष्प्रभावी करता है। यह ढाल भारत की सुरक्षा को मजबूत करती है।
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