DRDO Offers 28 Indigenous Weapon Systems to Indian Army

DRDO Offers 28 Indigenous Weapon Systems to Indian Army

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय सशस्त्र बलों को आपातकालीन खरीद के तहत 28 स्वदेशी हथियार प्रणालियों की पेशकश की है। रक्षा मंत्रालय को सौंपी गई सूची में रॉकेट, मिसाइल, बम, टॉरपीडो और अन्य उन्नत प्रणालियां शामिल हैं, जो ऑपरेशन सिंदूर में अपनी प्रभावशीलता साबित कर चुकी हैं।

डीआरडीओ(DRDO) के चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत ने कहा कि ये हथियार अगले छह महीने से एक साल में डिलीवर किए जा सकते हैं। सूची में पिनाका रॉकेट, अस्त्र हवा-से-हवा मिसाइल, रुद्रम हवा-से-ज़मीन मिसाइल, नाग मिसाइल, लेजर-गाइडेड बम, भारी टॉरपीडो, और स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन (SAAW) शामिल हैं। ये प्रणालियां सोलर डिफेंस, भारत डायनामिक्स लिमिटेड, टाटा, और L&T जैसे निर्माताओं द्वारा बनाई गई हैं।

ऑपरेशन सिंदूर (7-10 मई 2025) में अकाश, ब्रह्मोस, और MRSAM प्रणालियों ने पाकिस्तानी ड्रोन और चीनी मिसाइलों को नाकाम किया, जिससे स्वदेशी हथियारों की मांग बढ़ी। आपातकालीन खरीद के तहत सेना प्रत्येक उत्पाद के लिए ₹300 करोड़ तक खर्च कर सकती है।

डीआरडीओ(DRDO) ने इलेक्ट्रॉनिक-वंचित युद्धक्षेत्रों के लिए इन हथियारों को अनुकूलित किया है। संगठन ने 2020 में कोविड-19 के दौरान भी स्वदेशी एंटी-ड्रोन सिस्टम को तेजी से तैनात किया था। X पर यूजर्स ने इसे “आत्मनिर्भर भारत” का कदम बताया, हालांकि कुछ ने डिलीवरी समय पर चिंता जताई।

रक्षा मंत्रालय जल्द ही SAAW और QR-SAM की खरीद पर चर्चा करेगा। डीआरडीओ हाइपरसोनिक मिसाइल और कुशा वायु रक्षा प्रणाली जैसे भविष्य के प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रहा है।

Source: ANI

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