DRDO की 1,000 सेकंड स्क्रैमजेट सफलता के बावजूद हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल कार्यक्रम को MoD से फंडिंग की मंजूरी का इंतजार

DRDO की 1,000 सेकंड स्क्रैमजेट सफलता के बावजूद हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल कार्यक्रम को MoD से फंडिंग की मंजूरी का इंतजार

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल तकनीक में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है, लेकिन इस तकनीक को हथियार में बदलने के लिए मंत्रालय ऑफ डिफेंस (MoD) से वित्तीय मंजूरी अभी तक लंबित है। DRDO प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने इसकी पुष्टि की है।

डॉ. कामत ने हालिया आयोजन में कहा, “हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में हमने स्क्रैमजेट प्रणोदन को 1,000 सेकंड से अधिक समय तक सफलतापूर्वक सिद्ध किया, जो एक बड़ी उपलब्धि है।” यह लगभग 17 मिनट का ग्राउंड टेस्ट भारत को इस तकनीक में अग्रणी देशों की श्रेणी में लाता है, जो मशीन 5 (ध्वनि की पांच गुना गति) या अधिक पर काम कर सकता है।

हालांकि, इस तकनीक को मिसाइल में बदलने के लिए सरकारी मंजूरी और फंडिंग का इंतजार है। MoD ने हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) को मंजूरी दी है, लेकिन क्रूज मिसाइल, जो उड़ान के दौरान इंजन से संचालित होती है और दुश्मन की रक्षा प्रणालियों को चकमा दे सकती है, अभी प्रतीक्षा में है।

चीन, रूस और अमेरिका जैसे देश हाइपरसोनिक तकनीक में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, जिससे भारत के लिए यह रणनीतिक जरूरत बन गई है। बिना MoD की मंजूरी के, DRDO की यह तकनीक शोध स्तर पर ही सीमित रह सकती है, जिसके लिए प्रोटोटाइप निर्माण और परीक्षण में भारी निवेश की जरूरत होगी।

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