मानवरहित पनडुब्बी ‘जलकपी’

भारत की सबसे बड़ी मानवरहित पनडुब्बी ‘जलकपी’ का निर्माण गुजरात के हलोल में शुरू

गुजरात के हलोल में कृष्णा डिफेंस ने 10 जून 2025 को ‘मेक इन इंडिया’ के तहत ‘जलकपी’ का निर्माण शुरू किया। भारतीय नौसेना द्वारा डिज़ाइन, यह 20 टन की पनडुब्बी EO/IR कैमरे और स्वायत्त नेविगेशन से लैस है, जो 300 मीटर गहराई और 30-45 दिन तक काम करेगी। KDAIL, रेकिसे मरीन और SAIL के सहयोग से 18 महीनों में पूरी होगी, नौसेना की निगरानी को बढ़ाएगी।

गुजरात के हलोल में स्थित कृष्णा डिफेंस एंड एलाइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (KDAIL) ने 10 जून 2025 को अपनी सुविधा में एक औपचारिक प्लेट-कटिंग समारोह आयोजित कर भारत की सबसे बड़ी और उन्नत स्वायत्त पनडुब्बी ‘जलकपी’ के निर्माण की शुरुआत की। भारतीय नौसेना द्वारा डिज़ाइन की गई इस मानवरहित पनडुब्बी का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

समारोह में भारतीय नौसेना के उप-एडमिरल आर. स्वामीनाथन, AVSM, NM (CWP&A) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जो इस परियोजना की रणनीतिक अहमियत को दर्शाता है। जलकपी, जो एक एक्स्ट्रा-लार्ज अनमैंड अंडरवॉटर व्हीकल (XLUUV) है, भारतीय नौसेना के डायरेक्टोरेट ऑफ नेवल डिज़ाइन- सबमरीन डिज़ाइन ग्रुप (DND-SDG) की विशिष्टताओं के अनुसार विकसित की जा रही है। इसमें उन्नत तकनीक जैसे इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड कैमरे, बहु-बीम इको साउंडर, और स्वायत्त नेविगेशन सिस्टम शामिल हैं, जो इसे 300 मीटर की गहराई तक और 30-45 दिनों तक संचालित करने में सक्षम बनाएंगे।

निर्माण में KDAIL, रेकिसे मरीन, और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) जैसी कंपनियां सहयोग कर रही हैं। इस 20 टन की पनडुब्बी का निर्माण 18 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है, जिसके बाद इलेक्ट्रॉनिक एकीकरण के लिए अन्य कंपनियों का सहारा लिया जाएगा। पूरी तरह तैयार होने के बाद इसे भारतीय नौसेना को सौंपा जाएगा।

Related Articles:

Scroll to Top