भारतीय सेना अपनी तोपखाने क्षमता को मजबूत करने के लिए 2026 तक छह अतिरिक्त पिनाका रॉकेट रेजिमेंटों को शामिल करने जा रही है, जो चीन और पाकिस्तान से बढ़ते खतरे का जवाब है। ये स्वदेशी मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) पुराने सोवियत युग के BM-21 ग्रेड को बदलेंगे और सीमा पर निवारक शक्ति बढ़ाएंगे।
चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा (LoC) पर पहले से चार रेजिमेंट तैनात हैं। अगस्त 2020 में 2,580 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML), टाटा पावर, और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के साथ सौदा हुआ, जिसमें 114 लॉन्चर, 45 कमांड पोस्ट, और अन्य उपकरण शामिल हैं।
2020 की गलवान घाटी झड़प के बाद यह तेजी से कदम उठाया गया, जो LAC तनाव को बढ़ा गया। एक रक्षा स्रोत ने बताया, “छह में से दो रेजिमेंट पहले ही तैनात हैं। दो अन्य के उपकरण मिल गए हैं, और सैनिकों का प्रशिक्षण जल्द शुरू होगा। बाकी दो के लॉन्चर साल के अंत या 2026 की शुरुआत तक मिलने की उम्मीद है।” यह कदम उत्तरी और पश्चिमी मोर्चों पर खतरे से निपटने की रणनीति को दर्शाता है।
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