पीएम धन-धान्य कृषि योजना

पीएम धन-धान्य कृषि योजना: 2025 में किसानों की तकदीर बदलने की नई उम्मीद

“पीएम धन-धान्य कृषि योजना 2025 में 1.7 करोड़ किसानों के लिए नई उम्मीद ला रही है। 100 कम उत्पादकता वाले जिलों में शुरू होने वाली इस योजना से किसानों को वित्तीय सहायता, आधुनिक तकनीक, और बेहतर सिंचाई सुविधाएं मिलेंगी। फसल विविधीकरण और पोस्ट-हार्वेस्ट स्टोरेज पर जोर देकर यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी।”

किसानों के लिए नया सवेरा: धन-धान्य योजना की खासियतें

1 फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने Union Budget 2025-26 में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM Dhan-Dhanya Krishi Yojana) की घोषणा की, जिसने भारत के कृषि क्षेत्र में नई आशा जगाई है। यह योजना देश के उन 100 जिलों पर केंद्रित है, जहां फसल उत्पादकता कम है, फसल सघनता मध्यम है, और ऋण की पहुंच सीमित है। लगभग 1.7 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखने वाली इस योजना को Aspirational Districts Programme से प्रेरणा मिली है, जिसने 2018 से कम विकसित जिलों में बदलाव लाया था।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा देना है। इसके लिए सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं। पहला, किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज और उर्वरक मुफ्त या रियायती दरों पर उपलब्ध कराए जाएंगे। दूसरा, आधुनिक कृषि उपकरण जैसे ट्रैक्टर और पंप खरीदने के लिए सब्सिडी दी जाएगी। तीसरा, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देकर किसानों को एक ही फसल पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। इससे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से भी निपटा जा सकेगा।

योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू पोस्ट-हार्वेस्ट स्टोरेज को मजबूत करना है। पंचायत और ब्लॉक स्तर पर स्टोरेज सुविधाएं विकसित की जाएंगी, ताकि फसल की बर्बादी कम हो और किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिले। इसके अलावा, सिंचाई बुनियादी ढांचे का विस्तार होगा, जिससे पानी के उपयोग की दक्षता बढ़ेगी और उत्पादन में सुधार होगा।

वित्तीय सहायता भी इस योजना का अहम हिस्सा है। किसानों को अल्पकालिक और दीर्घकालिक ऋण आसानी से उपलब्ध होंगे, ताकि वे आधुनिक तकनीकों और उपकरणों में निवेश कर सकें। Kisan Credit Card की सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है, जिससे छोटे और सीमांत किसानों को बड़ा लाभ होगा।

योजना का कार्यान्वयन केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से होगा। पहले चरण में 100 जिलों को चिह्नित किया जाएगा, जहां कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए रणनीतियां बनाई जाएंगी। किसानों को pmkisan.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा, जहां उन्हें आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। हालांकि, आवेदन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी जल्द ही जारी की जाएगी।

इसके अलावा, योजना में टेक्नोलॉजी का उपयोग भी अहम है। प्रिसिजन एग्रीकल्चर और जलवायु-लचीली खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित हो। छोटे और सीमांत किसानों के साथ-साथ महिला किसानों और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

कृषि मंत्रालय को 2025-26 के लिए 1.37 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो पिछले वर्ष से 4% अधिक है। यह राशि योजना के विभिन्न पहलुओं, जैसे बुनियादी ढांचे और वित्तीय सुरक्षा, को लागू करने में उपयोग होगी।

पीएम धन-धान्य कृषि योजना न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि खाद्य सुरक्षा को भी मजबूत करेगी। यह भारत के कृषि क्षेत्र को आधुनिक और टिकाऊ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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