ईपीएफ निकासी नियमों में बदलाव

2025 में ईपीएफ निकासी नियमों में बदलाव: अब आसान होगी पीएफ की निकासी

“2025 में Employees’ Provident Fund Organisation (ईपीएफ) ने निकासी नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। अब UPI और ATM के जरिए तुरंत पीएफ निकासी संभव होगी, जिससे प्रक्रिया तेज और सुविधाजनक होगी। ऑटो-सेटलमेंट की सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई है। इसके अलावा, विवाह, शिक्षा और मेडिकल जरूरतों के लिए आंशिक निकासी के नियमों को भी सरल किया गया है।”

पीएफ निकासी के नए नियम: कर्मचारियों के लिए राहत

Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) ने 2025 में कर्मचारियों की सुविधा के लिए कई नए नियम लागू किए हैं, जो पीएफ निकासी को तेज, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाते हैं। ये बदलाव EPFO 3.0 पहल का हिस्सा हैं, जिसका लक्ष्य डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना और कर्मचारियों को वित्तीय लचीलापन देना है।

सबसे बड़ा बदलाव है UPI और ATM के जरिए तत्काल पीएफ निकासी की सुविधा। मई-जून 2025 से कर्मचारी Paytm, Google Pay, और PhonePe जैसे UPI प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से अपने पीएफ फंड को सीधे बैंक खाते में स्थानांतरित कर सकेंगे। इसके अलावा, EPFO ATM कार्ड की सुविधा शुरू करेगा, जिससे कर्मचारी 24/7 कभी भी 1 लाख रुपये तक की राशि निकाल सकेंगे। यह सुविधा विशेष रूप से आपातकालीन जरूरतों जैसे मेडिकल खर्चों, विवाह, या शिक्षा के लिए उपयोगी होगी। श्रम मंत्रालय की सचिव सुमिता दावड़ा के अनुसार, नई IT प्रणाली के अपग्रेड से दावों का निपटारा 3 दिन या उससे कम समय में हो सकेगा।

EPFO ने ऑटो-सेटलमेंट की सीमा को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है, जिसका ऐलान 24 जून 2025 को किया गया। इसका मतलब है कि 5 लाख तक की निकासी के लिए मैनुअल जांच की जरूरत नहीं होगी, जिससे प्रक्रिया तेज होगी। यह बदलाव विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद है जो नौकरी छोड़ने या आपात स्थिति में फंड की जरूरत महसूस करते हैं।

आंशिक निकासी के नियमों में भी बदलाव किया गया है। कर्मचारी अब विवाह, उच्च शिक्षा, मकान खरीदने/निर्माण, या मेडिकल इमरजेंसी जैसे कारणों के लिए आसानी से फंड निकाल सकते हैं। उदाहरण के लिए, विवाह या पोस्ट-मैट्रिक शिक्षा के लिए कर्मचारी अपनी जमा राशि का 50% तक निकाल सकते हैं, बशर्ते उनके पास कम से कम 7 साल की EPF सदस्यता और खाते में न्यूनतम 1,000 रुपये हों। मेडिकल जरूरतों के लिए कोई समय सीमा नहीं है, और कर्मचारी 6 महीने की बेसिक सैलरी या अपनी जमा राशि (जो कम हो) निकाल सकते हैं।

कर नियमों में भी स्पष्टता लाई गई है। यदि कर्मचारी ने 5 साल से अधिक समय तक EPF में योगदान दिया है, तो निकासी पर कोई TDS (Tax Deducted at Source) नहीं लगेगा। हालांकि, 5 साल से पहले निकासी पर 50,000 रुपये से अधिक की राशि पर 10% TDS (PAN के साथ) या 30% TDS (PAN के बिना) लागू होगा।

EPFO ने डिजिटल प्रक्रिया को और सरल किया है। कर्मचारियों को अपने UAN को Aadhaar, PAN, और बैंक खाते से जोड़ना अनिवार्य है। ऑनलाइन निकासी के लिए epfindia.gov.in पर जाकर ‘Claim’ सेक्शन में फॉर्म 19 (पूर्ण निकासी) या फॉर्म 31 (आंशिक निकासी) भरना होगा। यह प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑनलाइन है, और नियोक्ता की मंजूरी की जरूरत नहीं है।

ये बदलाव कर्मचारियों को वित्तीय स्वतंत्रता और आपातकालीन जरूरतों के लिए त्वरित पहुंच प्रदान करते हैं, साथ ही रिटायरमेंट बचत को सुरक्षित रखने पर जोर देते हैं।

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